पुराने नजले और जुकाम का आयुर्वेदिक उपचार || Rhinitis/Sinusitis Treatment in Ayurveda

पुराना नजला और जुकाम। जुकाम, खांसी, सर्दी लगना हर उम्र के लोगों की आम समस्या है, लेकिन इन्हीें में जुकाम और पुराना नजला ऐसी समस्या है जो ना सिर्फ ठंड या गर्मी के मौसम की वजह से होती है बल्कि ये एलर्जी के कारण भी शरीर को काफी नुकसान पहुंचाती है। नजला रोग में लगातार नाक से पानी आना, छींके आना और कफ जैसी दिक्कतें होने लगती है। एक शोध के मुताबिक हर 8 में से 1 व्यक्ति में ये पुराने नजले की समस्या पायी जाती है। ये दो प्रकार की होती है जो कि….

  1. एलर्जिक राइनाइटिस (Allergic Rhinitis) : नाक की अंदर की स्कीन में सूजन आना एलर्जिक राइनाइटिस कहलाती है।
  2. साइनोसाइटिस (Sinusitis): नाक की हड्डी बढ़ जाना और सूजन आना साइनोसाइटिस कहलाता है।

आयुर्वेद के अनुसार नजले का वर्गीकरण (Classification of Najala according to Ayurveda):

  1. वातज (नाक में सूखापन और दर्द)
  2. पित्तज (नाक में जलन और गर्मी का अहसास)
  3. कफज (अत्यधिक गाढ़ा स्राव)
  4. रक्तजन्य (नाक में अत्यधिक जलन और दर्द)
  5. दुष्ट प्रतिश्याय (पीनस) (Chronic history of the disease with mixed complicated symptoms)

इस लेख में आज हम नजला के लक्षण, उपाय और साथ ही इसके आयुर्वेदिक उपचार पर चर्चा करेंगे….

 

नजला के लक्षण (Symptoms of Najla)

  • नाक से पानी आना (Running nose)
  • गाढ़ा बलगम (Thick mucus)
  • छींक आना (Sneeze)
  • कान में आवाज आना (Ringing in ear)
  • सिरदर्द रहना (Headache)
  • गले में सुखी खांसी (Dry cough in throat)
  • नाक की हड्डी बढ़ना (Nasal bone enlargement)
  • नाक बंद रहना (Nose block)
  • गला बैठना या दर्द होना (Sore throat)
  • सांस लेने में तकलीफ होना (Shortness of breath)
  • दम फूलना (Breathing Problems)
  • खांसी (Coughing)
  • नाक और मुख से दुर्गन्ध आना (Nose and mouth odor)
  • भूख कम होना (Loss of appetite)
  • बालों का झड़ना और सफ़ेद होना (Hair loss and graying)
  • बुखार आना (Feverish Sensation)
  • सुंघने व स्वाद की क्षमता खत्म (Reduced sensation of Smell)

नजला होने का कारण (Causes of Najla)

  1. ठंड से एलर्जी।
  2. धूलमिट्टी से एलर्जी।
  3. जलवायु परिवर्तन से।
  4. मल-मूत्र रोकने से।
  5. अधिक पानी के संपर्क में रहने से।
  6. संक्रमण से।
  7. अजीर्ण से।
  8. गर्मी में असामान्य जलवायु से।
  9. अधिक उम्र।

नजला से रोकथाम के उपाय (Measures to prevention of Najla)

  • ठण्ड से बचें।
  • हवाई संपर्क से बचें।
  • सिर और शरीर को ढके रहें।
  • जिन खाद्य पदार्थों से एलर्जी हो उनके सेवन से बचें।
  • जौ की रोटी या जौ के आटे का सेवन करें।
  • कम तेलयुक्त भोजन करें।
  • जानवरों के संपर्क में आने से बचें।
  • प्राकृतिक कणों से एलर्जी है तो पार्क,खेतों आदि में नाक पर मास्क अवश्य पहनें।
  • नाक-कान में संक्रमण, तेज सिर दर्द हो तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
  • थाइरॉइड, मधुमेह, मोतियाबिंद, बीपी जैसी समस्या में एलर्जी भी होने पर डॉक्टर से मिलें।

नजले का आयुर्वेदिक उपचार(Ayurvedic Treatment for Najla)

  • नजला जुकाम के बचाव के लिए सबसे जरूरी अपनी इम्यूनिटी मजबूत करना है।
  • नजला जुकाम में संक्रामक बीमारियों से दूरी बनाएं रखना भी अत्यंत आवश्यक है।
  • रोजाना दो-तीन चम्मच च्यवनप्राश का सेवन करें।
  • सुबह खाली पेट दो चम्मच आंवले, एक चम्मच गिलोय और एक चम्मच शहद का रस मिलाकर हर रोज लें।
  • दूध में हल्दी और शीलाजीत डालकर रोजाना पिएं।
  • भस्त्रिका प्राणायाम कफ और सर्दी-जुकाम की समस्या में काफी कारगर हो सकता है।
  • नजला रोगी ठंडी, खट्टी, तली चीजों से बचें।
  • दही, अचार, आइसक्रीम से परहेज करें।
  • सर्दी/गर्मी में गर्म पानी नियमित तौर पर पीएं।
  • बलगम निकालनें के लिए देसी इलाज आजमाएं।

नोट: सभी तरह का नया व पुराना नजला 4 महीने से 1 साल तक के समय में आयुर्वेदिक दवा, खानपान में बदलाव, परहेज व जरुरत पड़ने पर पंचकर्म की क्रियाओं से पूरी तरह से ठीक हो सकता है।

नजले का देसी इलाज (Home remedy for Najla)

  • काढ़ा – आयुर्वेदिक दवा के साथ ही नजला का घरेलु इलाज भी काफी फायदेमंद साबित होता है। जिसमें घर पर ही काढ़ा बनाकर पीने से रोगी को राहत मिलती है। ये काढ़ा इस प्रकार है:
    • अदरक और गुड़ का काढ़ा।
    • काली मिर्च व नींबू का काढ़ा।
    • अजवाइन व गुड़ का काढ़ा।
    • दालचीनी का काढ़ा।
    • लौंग-तुलसी और काला नमक का काढ़ा।
    • इलायची व शहद का काढ़ा।
  • इसके अलावा शहद और अदरक का रस एक-एक चम्मच मिलाकर सुबह-शाम पीने से नजले में फायदा आता है।
  • नागरबेल (पान) के 2 से 4 पत्ते चबा लेना भी फायदेमंद है।
  • हल्दी और दूध गरम कर उसमें गुड़ मिलाकर पीने से जुकाम, कफ़, व शरीर में होने वाले दर्द से राहत मिलती है|
  • सुबह-शाम अजवायन की फंकी लेने से भी आराम मिलता है|
  • रात में सोते समय अजवायन को गर्म कर सुंघने से भी राहत मिलती है।
  • देसी गाय के शुद्ध देसी घी से भी नजला में काफी आराम मिलता है। ऐसे में रोगी को उस गाय का घी लेना है जिसकी पीठ पर हम्प होता है यह घी आपको लगातर तीन महीने डालना है यह दस से ज्यादा साल पुराने नजले को भी खत्म कर देता है।
  • गर्म पानी में चुटकी भर नमक मिला कर गरारे करने से खांसी-जुकाम के दौरान काफी राहत मिलती है। इससे गले को राहत मिलती है और खांसी से भी आराम मिलता है। यह भी काफी पुराना नुस्खा है।
  • अकसर नजले में एलर्जी के कण नाक की नलियों की समस्या बन जाते है। जिसके कारण लगातार छींके आने लगती है, गला सुखा रहता है, नाक बहने लगती है.. ऐसी गंभीर स्थिति में अस्थमा भी हो सकता है। ऐसे में नजले के स्थायी इलाज के लिए (Najle ka permanent ilaj) देरी ना करते हुए डॉक्टर की सलाह लें