
क्या 5000 वर्ष से चली आ रही जीवन एवं चिकित्सा पद्दति सिर्फ विश्वास पर आधारित हैं या उसके पीछे भी विज्ञान हैं । आइए जानते हैं आयुर्वेद के वैज्ञानिक होने के पीछे के मूल बीस सिद्धांतो को
- पंचमहाभूत
- आकाश
- वायु
- अग्नि
- जल
- पृथ्वी
- त्रिदोष
- वात
- पित्त
- कफ
- प्रकृति
- वात
- पित्त
- कफ
- उदेश्य
"स्वस्थस्य स्वास्थ्य रक्षणं ।
आतुरस्य विकार प्रशमनं च ।।"
- स्वस्थ की परिभाषा -
"समदोषो समधातु समाग्नि मल क्रिया।
प्रस्न्नॆन्द्रिय आत्म मनः स्वस्थ् इति अभिधीयते ।।"
- दिनचर्या
- भोजन दिशा निर्देश
"आहार मात्रा अग्नि बल अपेक्षिणी । "
- गुण का महत्व
- ऋतुचर्या
- मूंगफली /लड्डू / तिल - हेमंत और शिशिर ऋतु
- शर्बत - ग्रीष्म और शरद ऋतु
- पकोड़े - वर्षा ऋतु
- 13 अधारणीय वेग
- मूत्र
- मल
- शुक्र
- अपान वायु
- वमन(उलटी)
- छींक
- डकार
- जम्हाई
- भूख
- प्यास
- आंसू
- निद्रा
- श्रमजन्य श्वास
- सात्म्य का सिद्धांत
- रसायन चिकित्सा
"यज्जरा व्याधि विध्वंसि तद् रसायनं ।
जो बुढ़ापे और रोग का नाश करे उसे रसायन कहते हैं।"
- अष्टांग आयुर्वेद
- शल्य चिकित्सा
- काय चिकित्सा
- शालाक्य तंत्र
- स्त्री एवं प्रसूति तंत्र
- कौमारभृत्य
- विष विज्ञान
- रसायन
- वाजीकरण
- रोग वर्गीकरण
- सहज
- गर्भज
- दोषज
- संघातज
- कालज
- देवबल
- स्वभावज
- मानसिक
- रोगों के कारण
- असात्मेन्द्रियार्थ संयोग
- प्रज्ञापराध (बुद्धि खराब होना)
- परिणाम (समय खराब होना)
- साध्य -असाध्यता
- सुख साध्य रोग
- कष्ट साध्य रोग
- याप्य रोग
- असाध्य रोग
- चतुष्पाद
- चिकित्सक
- रोगी
- परिचारक
- औषधि
- चिकित्सा के सिद्धांत
- शोधन
- शमन
- पंचकर्म
- वमन
- विरेचन
- नस्य
- वस्ति
- रक्तमोक्षण
- पुरुषार्थ चतुष्टय
- धर्म
- अर्थ
- काम
- मोक्ष

Dr. Dinesh Sharma
Dr. Dinesh Sharma is an Ayurvedic Eye Specialist and Founder of Prakash Nethralaya treating severe eye and chronic diseases since 2005 and promoting ways to keep eyes healthy with a crystal clear vision. Know More
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